यौन हेल्थ

स्टरलाइजेशन (वेसेक्टोमी और ट्यूबेक्टोमी)

‘चलो लम्बे वक्त तक बच्चे नहीं करते हैं!’

यदि यह आपका फैसला है तो आप स्टरलाइजेशन का विकल्प अपना सकते हैं. यह प्रेगनेंसी टालने की एक सर्जिकल प्रक्रिया है.  बेहद आसान लग रहा है? यह आसान है भी! और यह महिलाओ व पुरुषो दोनों के लिए उपलब्ध है.

वेसेक्टोमी पुरुषो के लिए है. सरल शब्दों में जो नलिका शुक्राणु ले जाती हैं उनको या तो काट दी जाती है या बाधित की जाती है ताकि शुक्राणु छूटकर प्रेगनेंसी का कारण नहीं बने. यह बहुत तेज़ और प्रभावी है! इसके 2 प्रकार है इन्सिशन (चीर फाड़) विधि और नो स्केल्पेल विधि. संक्षेप में, इन्सिशन में कट लगाना पड़ता है और दूसरो में नहीं. चिंता ना करें, राहत के लिए डॉक्टर आपको लोकल एनेस्थेशिया और दवाएं देगा. आप कुछ महसूस नहीं करेंगे और पूरी प्रक्रिया मे लगभग 20 मिनट लगेंगे!

वेसेक्टोमी में शुक्राणु वाली नलिका को काट दिया जाता है और कम (स्खलन) बनने के लिए दूसरे तरल के साथ मिक्स नहीं होने दिया जाता है. इस तरह आपके कम (स्खलन) में शुक्राणु नहीं होते हैं और कोई प्रेगनेंट नहीं हो पाता. यदि आपको हैरानी हो कि आखिर आपके स्खलन का क्या होगा, तो चिंता न करें दोस्त! ऑल इज वेल ! यह पहले के जैसा ही दिखेगा और महसूस होगा और ओर्गस्म (चरमसुख) का अहसास भी वही होगा! कम (स्खलन) को शुक्राणु मुक्त होने में लगभग 3 माह का समय लगेगा. कुछ माह बाद डॉक्टर आपके स्खलन में शुक्राणु की जांच करेगा और कोई शुक्राणु ना होने पर ये प्रक्रिया सफल मानी जाएगी. आप इस प्रक्रिया के लिए अपने डॉक्टर या स्थानीय स्वास्थ्य क्लिनिक से परामर्श करके यह करवा  सकते हैं. RISUG नामक दूसरी प्रक्रिया ‘इंजेक्टेबल वेसक्टोमी’ है, जिस में आपको इनफर्टाइल बनाने के लिए शॉट प्रयोग किया जाता है.

वेसेक्टोमीज को सर्जरी के जरिये वापस पूर्ववत किया जा सकता है, जिस में नलिकाओं को वापस कनेक्ट किया जाता है. और RISUG के लिए बस एक और शॉट और बूम, हालत पहले जैसी! वह बहुत असरदार और बेहद सुविधाजनक है.

महिलाओं के लिए ट्यूबेक्टोमी है.

इस में अंडे वाली नलिका बंद या बाधित कर दिया जाता है.  और शुक्राणुओ के साथ अंडे का मिलन न होने से वह फ़र्टिलाइज नहीं होता है. यानी कोई प्रेगनेंसी नहीं हो पाती. यह भी बहुत फुर्तीला और बेहद प्रभावी है-99% से ज़्यादा! इसके दो प्रकार हैं, एक में कट लगाना पड़ता है, दूसरे में नहीं. आप इस प्रक्रिया के लिए अपने डॉक्टर या स्थानीय स्वास्थ्य क्लिनिक से परामर्श करके यह करवा सकते हैं.  आपका डॉक्टर राहत के लिए लोकल एनेस्थेशिया और दवाए देगा, ताकि यह प्रोसेस आरामदायी रहे.

 

कट वाली प्रक्रिया में आपके पेट के पास एक छोटा सा कट लगाया जाएगा और सर्जिकल टूल्स के माध्यम से ट्यूब्स पाए जाते हैं. यह मिलते ही दूसरे कट द्वारा इन्हें बंद कर दिया जाता है. दूसरा तरीका है क्लिप्स प्रयोग करके या शोर्ट सेक्सन निकालकर नलिकाएं अवरूद्ध कर देना. बस हो गया काम ! छोटे से निशान के साथ इसमें मुश्किल से 30 मिनट लगते हैं. दूसरी प्रक्रिया, जिसमें कट की जरूरत नहीं पड़ती है, उस में नलिकाओं के मुंह पर बस एक कोइल लगाया जाता है. और हो गया काम! इस कोइल के चारो तरफ शरीर टिशू उगा देता है और करीब 3 महीने बाद नलिका पूरी तरह ब्लॉक हो जाती है. इन प्रक्रियाओं के बाद आपको थोड़ा सर चकराने, थकान या पेट दर्द महसूस हो सकता है. अगर कोइल लगाई हो तो योनी में स्राव हो सकता है. लेकिन चिंता न करें, यह बस थोड़े वक्त रहेगा और कुछ ही दिनों में आप ठीक महसूस करेंगी. सेफ साइड के लिहाज से देख लें कि आपको बुखार, चकत्ते, पेट में लगातार या सांस लेने में कठिनाई तो नहीं. यदि ऐसी कोई भी शिकायत हो तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से मिलें. कुछ हफ्ते में थोड़ा धीरे धीरे आप सामान्य हो जाएँगी.

 

ट्यूबेक्टोमीज को वापस पूर्ववत किया जा सकता है, जिस में नलिकाओं के बाधित हिस्सों को नलिकाओं के शेष हिस्से से वापस कनेक्ट किया जाता है. यह बहुत असरदार, सुविधाजनक है और हारमोंस पर प्रभाव नहीं डालते हैं. न तो दवा की दुकानों के चक्कर, न अनचाही प्रेगनेंसी, और ना ही पीरियड्स में कोई बदलाव, और ए मेनोपॉज का कारण भी नहीं बनता! बस खुद को और अपने साथी को ख़ास पलों की गर्माहट में सिमटने के और ज़्यादा वजह दीजिए! 😉

याद रखें, यह दोनों ही समाधान आपको और आपके साथी को STDs से कोई रक्षण नहीं देते हैं. इसलिए हर बार कंडोम इस्तेमाल करते हुए सुरक्षित रहें. स्टे सेफ, प्ले सेफ!