यौन हेल्थ

ट्रांजेक्शनल सेक्स: क्या आप वाकई में खुशकिस्मत हैं?

ब्लेसर्स (किन्नर), शुगर डेडीज, ट्रांजेक्शनल सेक्स. एक ही बात को कहने के यह अलग अलग तरीके हैं. जब सेक्स के बदले पैसा, उपहार या तरफदारी मिलाती है तो ट्रांजेक्शनल सेक्स आकार लेता है. इस तरह का रिश्ता कमर्शियल सेक्स से अलग है. ब्लेसर्स और उनके ब्लेसीज के बीच रिश्ते में छोटी उम्र के लोगो के साथ बड़ी उम्र के लोग शामिल होते हैं और यह लम्बी अवधि के लिए कायम रह सकता है.

शुगर डेडीज के मामले में सबसे बड़ा मुद्दा इससे बनने वाला रिश्ता है. पॉवर का अहम किरदार होता है और जब आप गिफ्ट के बदले सेक्स करते हैं तो जो पैसा बरसाता है उसकी ज़्यादा चलती है. इससे सुरक्षित सेक्स के लिए बात मनवाना मुश्किल रहता है. क्योंकि गिफ्ट पाने वाला/ली के मन में यह बात घर कर जाती है कि बगैर कंडोम के सेक्स के आग्रह समेत उनके ब्लेसर्स की हर मुराद को पूरी करना है.

अपने से कम उम्र के साथी पर ज़्यादा उम्र के व्यक्ति के कंट्रोल से मैनुपुलेशन, भावनात्मक नुकसान और शारीरिक हिंसा के हालात पैदा हो सकते हैं. इससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएँ हो सकती है. कंडोम इस्तेमाल ना करने से ट्रांजेक्शनल सेक्स में STIs व अनचाही प्रेगनेंसी हो सकती है. शुगर डेडीज के अक्सर एक से ज्यादा साथी होने से उनमें HIV या अन्य STIs फैलाने की जोखिम ज्यादा रहती है.

स्वास्थ्य चिंताएं, भावनात्मक शोषण और असहाय होने का भाव ‘लक्जरी’ के आपके जीवन से ग्लेमर से छीन लेता है. धन, तोहफे और फ़ायदा उठाना बढ़िया लग सकता है, लेकिन जब मामला आपके शारीरिक, भावनात्मक और व्यक्तिगत आरोग्य का हो तो इनकी कोई बराबरी नहीं हो सकती है. समय चला जाएगा, जीवन की छोटी छोटी चीजें बेमानी हो जाएँगी, लेकिन अपने कर्मो के नतीजे जीवनभर भुगतने होंगे. इसलिए यह पूछना बनाता है कि: क्या आप वाकई खुशकिस्मत हैं?