टीबी रोगी के लिए क्या आहार परिवर्तन किए जाने चाहिए?

तपेदिक या टीबी तब होता है जब एक संक्रमित व्यक्ति के खाँसने पर बैक्टीरिया हवा में फैलता है। ये बैक्टीरिया जब साँस लेते हैं तो हमारे फेफड़ो में चले जाते हैं। जिसके बाद ये लक्षण दिखाई देते हैं बुखार, वजन में कमी, खांसी,भूख की कमी, कमजोरी और थकान, जो 3 सप्ताह या उससे अधिक समय तक रहता है।

रिकवरी में पोषण का महत्वपूर्ण योगदान है। कुपोषण या कम पोषण से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है इसलिए उचित भरपाई के लिए यहां उन खाद्य पदार्थों की सूची दी गई है जो एक टीबी रोगी को दैनिक जीवन में ग्रहण करना चाहिए:

  • उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ: केला, अनाज दलिया, गेहूं, माल्ट, मूंगफली आदि।
  • प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ: मूंगफली, सूखे मेवे, नट्स, अंडे, पनीर, और सोया चंक्स प्रोटीन के समृद्ध स्रोत हैं। उन्हें छोटे टुकड़ों में काट कर प्रयोग किया जा सकता है ।
  • विटामिन A, E, और C युक्त पदार्थ : नारंगी, आम और गाजर विटामिन A से भरपूर होते हैं। विटामिन E से भरपूर खाद्य पदार्थ अमरूद, टमाटर, नींबू, और शिमला मिर्च हैं जबकि नट्स, गेहूं के बीज, और वनस्पति तेल विटामिन C युक्त होते हैं।
  • · विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स युक्त पदार्थ: अंडे, समुद्री मछली, चिकन, और मांस अच्छे स्रोत हैं। साबुत अनाज अनाज, दालें, नट, और बीज भी उपयुक्त विकल्प हैं।

उपचार के दौरान कुछ खाद्य पदार्थों से बचना उचित है। जैसे कॉफी, शराब, तंबाकू, कैफीन युक्त पेय, ट्रांस-फैटी एसिड, तले हुए खाद्य पदार्थ, चीनी, सफेद चावल, और उच्च वसा, उच्च कोलेस्ट्रॉल लाल मांस आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।