टीबी कोई जटिल बीमारी नहीं है। बस थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है।

17/11/2019

तपेदिक (टीबी) एक बीमारी है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया से होती है जो हमारे फेफड़ों को प्रभावित करती है और लंबे समय तक खांसी, वजन कम होना, रात को पसीना और बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। टीबी गंभीर संक्रामक बीमारी है और ये खांसी और छींक द्वारा आसानी से फैल सकती है। साधारण तौर पर यह बीमारी आर्थिक रूप से पिछड़े पृष्ठभूमि लोगों में देखने को मिलती है लेकिन इसका संक्रमण सभी में हो सकता है।

मामले की गंभीरता को समझने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि आप टीबी के बारे में कुछ तथ्यों को जानें। दुनिया के सभी टीबी रोगियों में से 25 प्रतिशत भारतीय  हैं। इसके अलावा टीबी एचआईवी के साथ दुनिया भर में मौत का एक प्रमुख कारण है।

अच्छी खबर ये है कि टीबी अब लाईलाज नहीं रही और इसके उपचार की सफलता दर भी अच्छी है। भारत में टीबी उपचार और देखभाल सरकारी अस्पतालों और निजी क्षेत्र के अस्पतालों दोनों में उपलब्ध है। हमने अभी ऊपर उल्लेख किया है कि दुनिया के सभी टीबी के 25 प्रतिशत मामले भारत के हैं, इसलिए इलाज करने से पहले आइए कोशिश करें और समझें कि भारत में टीबी इतना बड़ा मुद्दा क्यों है।

कमज़ोर जानकारी : ऐसे मामले हैं जहां ज्यादातर लोग जो टीबी से प्रभावित हैं लेकिन फिर भी खांसी का बहाना बनाकर इस बीमारी को छुपाते रहते हैं। फिर समाज द्वारा दूर किए जाने के डर से इसे गुप्त रखना चाहते हैं। ग्रामीण भारत में परिवार के सदस्य टीबी को एक समस्या के रूप में छिपाते हैं, जो दवा लेने सामान्य चिकित्सकों के पास जाते हैं जिनको टीबी के इलाज के के बारे में कुछ नहीं पता है। यह एक गलत धारणा है कि टीबी जानलेवा है या बहुत महंगी है। नतीजन शुरुआती चरणों में टीबी का इलाज नहीं किया जाता है और गलत या विलंबित उपचार के साथ स्थिति और ख़राब हो जाती है। जिससे संक्रमण फैलने की आशंका और बढ़ जाती है।

समस्या क्षेत्र: एक पहचान के लेकिन अयोग्य चिकित्सकों के पास जाने का विकल्प अच्छा नहीं होता है। सबसे अच्छा ये होता है कि अगर आपको टीबी की बीमारी है तो उस डॉक्टर से मिले जिसको इस बीमारी के बारे में संपूर्ण जानकारी हो।

सामान्य लक्षण:
• बुखार, रात को पसीना, दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहना, जहां बलगम का रंग सफेद, भूरे, हरे या लाल रंग का हो सकता है।
• लंबे समय तक खांसी के दौरान टीबी संक्रमण का एक संकेत वजन में कमी होना भी है।
• एचआईवी वाले लोगों को अतिरिक्त सतर्क रहने की आवश्यकता है। उनमें टीबी के लक्षण अक्सर देर से विकसित होते हैं और उन्हें लगातार खांसी का अनुभव होने की संभावना कम होती है।
• इसके अलावा यदि आप टीबी संक्रमण वाले किसी व्यक्ति के साथ काम करते हैं या रहते हैं, तो जोखिम न लें तुरंत टीबी परीक्षण करवाएं।

लक्षण होने पर क्या करें: सबसे पहले किसी योग्य चिकित्सक से जांच करवाएं खासकर अगर खांसी दो सप्ताह से अधिक बढ़ गई है। यह याद रखना बहुत जरूरी है कि ओवर-द-काउंटर एंटीबायोटिक्स टीबी के लिए काम नहीं करते हैं चाहे वे आपके पड़ोस के केमिस्ट से खरीदे गए हों या भले ही वे एक सामान्य चिकित्सक द्वारा सुझाया गया हो। याद रखें टीबी के संक्रमण के लिए खांसी या जुकाम से अलग उपचार की आवश्यकता होती है।

टीबी के लिए एक उचित चिकित्सक कौन है: दो हफ्तों से अधिक समय तक चलने वाली एक खराब खांसी के मामले में आपको जिस डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता होती है उसे छाती और फेफड़ों के रोगों में विशेषज्ञता हासिल हो। टीबी के लिए समय पर उपचार में 90% से अधिक की सफलता दर है। यह भी बहुत महत्वपूर्ण है कि स्वास्थ्य में सुधार के बाद भी कुछ समय के लिए उपचार जारी रखना चाहिए।

परीक्षण करवाना: जैसा कि शीर्षक से पता है टीबी जटिल नहीं है और परीक्षण करवाना भी एक सरल और दर्द रहित प्रक्रिया है। संक्रमण होने पर आपके बलगम के नमूने पर एक त्वरित प्रयोगशाला परीक्षण करके इसकी पुष्टि की जा सकती है। इसका उपचार सरकारी अस्पतालों में कम लागत पर उपलब्ध है।

तपेदिक घातक नहीं है। समय पर इलाज होने से टीबी पूरी तरह से ठीक हो सकती है। साथ ही किसी ऐसे व्यक्ति के साथ रहना जिसे टीबी हो चिंता की कोई बात नहीं है। जबकि संक्रमित व्यक्ति का उपचार हो रहा हो उस समय विशेष सावधानी बरतने की जरुरत है। साफ़ सफाई का ध्यान रखना चाहिए कमरे में रोशनदान की व्यवस्था हो जैसी सरल सावधानियां टीबी को फैलने से रोकने में मदद कर सकती हैं।

अंत में यदि आप टीबी के बारे में बात करना चाहते हैं, जैसे कि उपचार कहां से प्राप्त करें या कोई संदेह है कि जिसकी पुष्टि की आवश्यकता है तो टोल-फ्री नंबर 1800116666 पर पर कॉल करें।


टिप्पणियाँ